Usha Choudhary

14 वर्ष की छोटी सी आयु में मेरा बालविवाह होने वाला था। मैंने इस सबका जोरदार विरोध किया और मैंने अपनी पढ़ाई जारी रखी। मैंने तय किया कि मैं ऐसा जीवन नहीं जियूंगी और ऐसी लड़कियों-महिलाओं के लिए कुछ जरूर करूंगी। 2003 में अपने कुछ दोस्तों के साथ मिलकर ‘विकल्प संस्थान’ का गठन करके लड़कियों-महिलाओं पर होने वाली हिंसा को खत्म करने की मजूबत शुरूआत की। ‘विकल्प’ नाम भी लड़कियों ने ही तय किया। इसके जरिये विभिन्न अभियानों से अब तक साथियों के साथ मिलकर करीब बारह हजार बालविवाह रूकवा पाई हूं, लगभग दस हजार से ज्यादा लड़कियों को आठवीं से आगे की शिक्षा से जोड पाने में सफल हुई हुं और हिंसा का सामना करने वाली करीब 36 सौं से ज्यादा लड़कियों-महिलाओं को मदद कर पाई हूं।

रशमी बंसल की ‘‘छुने दो आसमान” किताब में कहानी लिखी। और मुझे 2012 में लाॅरियल पेरिस फेमिना वुमन अवार्ड सहित 5 विभिन्न अवार्ड मिले हैं। मेरा मकसद है कि हर लड़की और महिला को समानता, न्याय और शांति पर आधारित हिंसा मुक्त जीवन मिले। मेरा जीवन इसी के लिए समर्पित है।

Sound Bite: Usha Choudhary
Sound Bite: Usha Choudhary