समस्याएं हर किसी के जिन्दगी में होती है, लेकिन उनमें से कोई उसको अपनी कमजोरी बना लेता है और कोई उससे सिख करके आगे बढता है। मेरी कहानी भी कुछ इसी प्रकार है। मेरी जिन्दगी बहुत चुनौतीपुर्ण रही है क्यांकि मैनें बहुत सी समस्याओं का सामना बहुत ही कम उम्र में किया है।
मेरे आर्कगेट नौकरी करने के पीछे बहुत बडा कारण है। मैं 6 साल की उम्र में अपने पिता को खो चुकी थी, लेकिन उसके बाद माँ ने जिस प्रकार से सब कुछ सम्भाल लिया था, वो हमेशा मेरी जिन्दगी को हमेशा प्रेरित करेगा और यही सब देखते हुए मैंने भी सोचा कि मुझे भी अपनी माँ का ख्याल उसी प्रकार रखना चाहिए, जिस प्रकार से एक बेटा जो कर पाता वो सब मुझे भी करना चाहिए।
इसलिये मैनें भी हर वो जिम्मेदारियां जो एक लडका उठाता है अपने पर ले ली। मेरा एक सपना था मैं भी डठ। कर माँ की हर तमन्ना पुरी करुंगी। लेकिन शायद किस्मत में कुछ और¬ समस्याएं आने थी इसलिये मेरे ठठ। के फाइनल साल में मेरी माँ की दुर्घटना हो गई और माँ 5 साल तक बैड रेस्ट पी रही । मेरी माँ ने उस समय हार मान ली थी कि मैं कैसे मेरी बेटी को आगे शिक्षा के लिये मदद कर पाउंगी और तभी मैंने यह निश्चय किया कि मैं अभी डठ। नही करुंगी और कैसे भी करके नौकरी की तलाश करके माँ का बौझ कम करुं।
अब सोच तो लिया की नौकरी करनी है लेकिन नौकरी मिलना, वो भी नए को बहुत मुश्किल होता है। नौकरी की बहुत तलाश की और कोशिश की, लेकिन कुछ नहीं मिला। एक महिने बाद अचानक मेरे किसी दोस्त ने सलाह दी कि उदयपुर मे नौकरी की तलाश करो। उदयपुर में एक आर्कगेट नाम की कम्पनी हैं, वहां आपको मौका मिल सकता है, लेकिन मुझे इस बात पर संदेह था और मैंने सोचा कि कम से कम एक बार कोशिश जरुर करनी चाहिये।
मुझे किसी प्रकार उम्मीद नही थी कि मुझे यहां मौका मिल सकता है, लेंकिन मैंने कोशिश की, क्योंकि मैं अपनी माँ की मदद करना चाहती थी और मेरे घर मैं और मेरी माँ के अलावा कोई नहीं था इसलिए यह कदम उठाना पडा। आर्कगैट में आने से पहले मेरी आर्थिक स्थिति की समस्या थी, लेकिन जब मैं यहां नियुक्त हो गई और यहां आई तो मुझे ये समझ में आया की नौकरी का एक और पक्ष भी है। नौकरी सिर्फ 9 से 6 का करने का एक गोल नही, बल्कि एक सीखने का साधन भी है।
यहां आकर मैंने ये महसुस किया कि यहां की नौकरी दिलचस्प भी हो सकती है। ये अलग बात है कि मैनें पहले यहां सिर्फ अपनी माँ की मदद करने के लिए और आय के लिये आना चाहती थी, लेकिन अब महसुस हुआ कि यहां बहुत कुछ है सिखने के लिए भी है। इसी बीच हस्ते खेलते आर्कगेट में 1 साल नौकरी पूर्ण करने की खुशी थी, वही दुसरी तरफ उसकी जिन्दगी में एक मोड आने वाला था, जो उसकी जिन्दगी और जिन्दगी को जीने के तरीके को ही बदलने वाला था ।
एक रात किसी बहुत ही बुरे अंजान व्यक्ति ने उसका फोन हैक करके उसके फोटोज को दुरुपयोग करने के लिए धमकाया। रात में तो जैसे तैसे मैनें खुद को सम्भाला और सुबह उठते ही मैं ऑफिस आ गई, पर ऑफिस आते ही उस हैकर ने निजी नंम्बरर्स से कॉल करके मुझे फिर से धमकाया की वो उसके साथ दुर्व्यवहार करेगा। मैं बहुत डर गई थी और मेरे दिमाग में बुरे-बुरे ख्याल आने लगे कि अब मेरी जिन्दगी खत्म हो जाएगी और ऐसी स्थिति में मेरा मेरे ऑफिस वालो ने बहुत ही समर्थन किया और साथ दिया । मुझे प्ररित किया कि हमे तुम पर पुरा भरोसा है और आज मैं इसके माध्यम से होकर सामना कर के आगे बढ गई और बहुत कुछ सिख गई। मैंने अपनी हिम्मत ना हार कर सब भी सामना किया और सब से बडी बात ये कि जब मेरे साथ ये सब तब हुआ जब मेरी माँ शहर से बाहर थी। लेकिन जब माँ को इसके बारे पता चला तो उन्होने मुझ पर बहुत गर्व किया कि किस प्रकार से मेरी बेटी ने सभी को सम्भाला जैसे कि पुलिस को बताना और सभी समस्याओ को सामना करना।
मेरी माँ को भी मुझ पर गर्व है कि कम उम्र में मुझमें इतना आत्म-विश्वास आ गया है।