Sanskriti Tak

मैं उदयपुर से छोटे से गांव की रेबारियों का गुड़ा प्रताप नगर रोड की रहने वाली हूं। मैंने 13 साल की उम्र में पढ़ाई के साथ ही अपने पारिवारिक समस्या को देखते हुए कम उम्र में काम करने का फैसला लिया जैसे की मेहंदी बनाना, सब्जी मंडीमें काम करना, सिलाई करना, मेडिकल स्टोर की सफाई करना। सामान को लाकर बेचना जैसे काम मैंने घर से ही प्रारंभ की है। मेरे पापा पैर से चल नहीं सकते उनकी यह हालत देख कर मैंने यह डिसीजन लिया और घर से कम उम्र में काम करने Nikli।

मेरी मासिक आय मात्र 500 थी उस आय के साथ काम करते करते पढ़ाई में भी आगे रहकर अपनी पूरी पढ़ाई कंप्लीट की संस्कृत में एम ए और रिलायंस डिजिटल में वर्क इतनी सारी परेशानियां होने के बावजूद मैंने अपनी पढ़ाई कंप्लीट की और मेरे गांव की आस पास की लड़कियों को भी पढ़ाने के लिए उत्साहित किया और उन्हें घर से निकाला मेरे गांव में 5 साल के बाद ही लड़कियों का विवाह करा देते हैं और 5th क्लास के बाद उन्हें घर पर ही रख लेते हैं वह लड़कियां गांव में खेती करना घर के काम करना in कामों में अपने घर वालों का काम में हाथ बताती हैं।

मेरी पढ़ाई के बाद मैंने देखा नवी क्लास के अंदर कोई भी लड़की मेरी कक्षा में नहीं पड़ रही मैंने टीचर से पूछा कि मैडम मेरे साथ जो लड़कियां थी वह कहां गई मैडम ने कहा बस अब वह नहीं आएंगी उस कक्षा में हम तीन लड़कियां और 40 लड़के थे उस बात को लेकर मैंने गांव वालों से बात की काफी समय प्रयास करने के बाद मैंने काफी प्रयत्न किए की लड़कियों को पढ़ाया जाए पर ऐसा नहीं हुआ पर मैं पढ़ती रही और मुझे देख कर आज वहां की गांव की लड़कियां पड़ रही है और मैं आज उन लोगों को हेल्प करती हूं आगे बढ़ने के लिए. मेरी मासिक आय ₹500 थी आज मैं 5 digits तक कमाती हूं. और अब मैं बरखा मैडम के साथ स्वच्छ भारत समृद्ध भारत पर काम कर रही हूं और मैं बहुत आभारी हूं बरखा मैम ने women entrepreneurs’ बनाने का फैसला किया और बहुत सी महिलाओं को रोजगार दे रही हे और वह चाहती है जो महिला कुछ करना चाहती है वह बाहर निकले और कुछ करें वह हमेशा उनकी 24/7 मदद करने में सक्षम रहती हैं।