Dharavati Suhalaka

वैसे तो इंसान का व्यक्तित्व ही उसका परिचय होता है लेकिन ऐसी प्रतिभाओं को उजागर करना जरूरी होता है ।श्रीमती धारावती सुहलका अपने माता पिता की लाडली एवं इकलौती बेटी रही है। 18 वर्ष की उम्र में शादी हुई। परिवार की जिम्मेदारियों एवं जीवन के उतार-चढ़ाव में पति के साथ हर कदम साथ रही । चार बच्चों को संस्कारित कर अपने आप को हमेशा व्यस्त रखा। 55 वर्ष की उम्र तक सेवा में तत्पर है और आगे भी कुछ कर गुजरने की चाह रखती है ।20 वर्ष पूर्व सुहालका समाज में सामूहिक विवाह की शुरुआत 5 जोड़ों से की।2004 में लायनेस क्लब उदयपुर की अध्यक्ष रही जिसमें आई कैंप में 500 ऑपरेशन करवा कर चश्मे वितरित किए। 2008 से 3 वर्षों तक सुहालका समाज की महिला प्रकोष्ठ मंत्री रही ।2014 में 3 वर्षों तक समाज के सर्व वर्गीय महिला मंडल में बतौर मीडिया प्रभारी के पद पर रहकर सेवाएं दी, एवं सामूहिक विवाह संपन्न कराया। 2018 में उपाध्यक्ष के पद पर रही 2019 जनवरी में सहस्त्रबाहु नारी शक्ति संगठन की अध्यक्ष बन कार्यभार संभाल रही है। 50 वीं वर्षगांठ पर 10 वीं बार रक्तदान कर रिकॉर्ड बनाया ।कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी कभी हार नहीं मानी ।इनके पति इनके आदर्श रहे हैं ।हमेशा सामाजिक कार्यों में सहयोग करते आए हैं।कलाल समाज के बंटे हुए वर्गों को अथक प्रयास से एक मंच दिया। कन्या भ्रूण हत्या की कट्टर विरोधी रही हैं एवं स्वरचित कविताओं के माध्यम से समाज की महिलाओं को जागरूक किया ।इनके संस्कारों की पूंजी इन की तीन बेटियां आज संयुक्त परिवार में है। होनहार बेटा एवं बहु रानी दोनों ही दिल्ली में उच्च पदों पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं।