Bharti Gandharva

परिवार हर एक इंसान के लिए उसकी दुनिया होता है I और उस परिवार में एक इंसान बहुत खास होता है I मेरे लिए मेरे पापा और मम्मी के लिए उनके जीवन साथी I हमारा  परिवार एक हँसता खेलता परिवार था I जो भी था कम था, पर हमारे लिए बहुत था I

सब ठीक चल रहा था I अचानक 6 जुलाई 2009 को पापा हमे छोड़ चले I  ये दिन हमारे लिए बहुत बुरा दिन था I इस हादसे ने हमारी जिंदगी बदल दी I कुछ भी पहले जैसा ना रहा I लोग आते साथ बैठते , सहानुभूति देते पर मदद के लिए हाथ न बढ़ाते I ये समय मेरी मम्मी के लिए बहुत कठिन रहा I वो पढ़ी लिखी नहीं है I तीन बच्चे छोटे थे I हम एक ऐसे समाज में रहते हैं जहाँ औरतों का काम करना गलत समझा जाता हैं I फिर भी मम्मी सबसे लड़-झगड़ कर आगे बढ़ी I

अब परेशानी यह थी की वह क्या करे जिससे घर चला सके I हमारे घर की स्थिति कुछ खास नहीं थी I था तो बस पापा की यादें और कुछ नहीं I मम्मी के पास घर-घर जाकर खाना बनाने के आलावा कमाने का कोई ज़रिया नहीं थाI उन्होंने हमे हर वो सुविधा दी जो उन्हें कभी नहीं मिली I इन सभी परिस्थितियो का सामना करते हुए हमे इस काबिल बनाया की हम तीनों भाई-बहन अपने पैरों पर खड़े हैं और अब उन्हें कही जाकर काम करने की या घर घर जाकर खाना बनाने की जरूरत नहीं पड़ती I जिंदगी अभी भी इतनी खास नहीं हैं पर पहले से सुखद हैं I मम्मी से वैसे तो बहुत कुछ सीखने को मिला हैं I पर एक चीज हैं की परिस्थितिया केसी भी हो कभी हार नहीं माननी चाहिए I ना उन्होंने कभी मानी ना हमे कभी मानने दी I आज मुझे गर्व है अपनी मम्मी पर की उन्होंने मुझे इस काबिल बनाया और उन्हें मुझ पर गर्व है की मैं एक  IT Company ‘Arcgate’ मे काम करती हूँ I